ए परिंदे
ए परिंदे, तू रुक मत,
तू अपनी मुश्किलों के आगे यूं झुक मत।
तू कर मेहनत जीवन के हर लम्हे में,
बन जायेगा काबिल हर गीत के नगमे में।
छोड़ जायेंगे धीरे-धीरे चाहे वो अपने हो यां पराए,
लेकिन तू रख हिम्मत, कर कोशिश, कि तू अपने सारे सपने सजाए।
न देख हार न देख जीत अपने अच्छे कर्म करता जा,
अपनी जिंदगी के अरमानों को तू सच्चाई से पूरे करता जा।
तू बन कामयाब ऐसे कि जब तू दुनिया से चला जा,
तब लोग कहें ऐसे कि इक बंदा था वो खुदा सा।
महक मल्होत्रा
Appreciable
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